Posted in POETRY हीरा Posted on May 18, 2022 by Anand Kanaujiya उम्र के साथ तेरी यादों का बोझ ज्यूँ-२ बढ़ता गया,इस दबाव में मैं कोयले से हीरा बनता चला गया। ©️®️हीरा/अनुनाद/आनन्द/१८.०५.२०२२