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अब तेरा इंतज़ार नही…

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खुद से ईमानदार बहुत थे,आदतन जिम्मेदार बहुत थे,
बेईमानी का तो सवाल ही न था, तुम रुके होते तब तो कुछ कहते।
तुमने आवाज न दी और न किया इंतज़ार और सफर में आगे चल दिये,
दिल को मनाया और रास्ते बदल दिए हमने, बेगैरत तेरा इंतज़ार क्या करते।

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