Posted in CHAUPAAL (DIL SE DIL TAK)

बदला कुछ नहीं

गुजरता यहाँ कुछ भी नहीं

होता नया कुछ भी नहीं

नज़रें मिली थी तुझसे बिछड़ते वक़्त

मैं आज भी हूँ ठहरा वहीं !

 

चल तो दिये थे पहुँचे कहीं नहीं

रास्ता लम्बा ये तुझ तक जाता नहीं

मंज़िल की खोज मैं क्यों करता भला

जब सफ़र में तू हमसफ़र नहीं !

 

उम्र बीती पर बीता कुछ नहीं

आगे बढ़े पर बढ़ा कुछ भी नहीं

२३ से २४ हुवा पर पूछों बदला क्या

यादें धुँधली हुईं भूला कुछ नहीं!

©️®️बदला कुछ नहीं/अनुनाद/आनन्द/३१.१२.२०२३

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मुस्कुरा दीजिए

यूँ भी क्यूँ इतना शर्म कीजिए,
इस ओर भी इक नज़र कीजिए …

परेशानी अपनी कुछ यूँ कम कीजिए,
कोई काम हो तो हमारा नाम लीजिए …

दिलों के सौदागर से एक सौदा कीजिए,
दिल की एक कहानी हमारे सुपुर्द कीजिए …

शोख़ इस चेहरे से क़िस्से हज़ार कीजिए,
बस इन क़िस्सों में नाम हमारा कीजिए …

स्याही ये लिखने की न यूँ जाया कीजिए,
सूखने से पहले कोई तो इशारा कीजिए …

मौक़ा निकाल कर लखनऊ घूम लीजिए,
कई पार्क हैं किसी में हमसे मिल लीजिए …

नवाबों के शहर में हैं बस इतना कीजिए,
देख कर हमारी ओर बस मुस्कुरा दीजिए …

©️®️मुस्कुरा दीजिए/अनुनाद/आनन्द/१७.१२.२०२३