एक अरसा बिता दिया बहुतेरों ने
ऐ इश्क़ तुझे पल भर जी लेने को।
फिर एक अरसा बिता दिया लोगों ने
इश्क के उस पल को भूल जाने को।
©️®️अरसा/अनुनाद/आनन्द कनौजिया/२२.०६.२०२१

एक अरसा बिता दिया बहुतेरों ने
ऐ इश्क़ तुझे पल भर जी लेने को।
फिर एक अरसा बिता दिया लोगों ने
इश्क के उस पल को भूल जाने को।
©️®️अरसा/अनुनाद/आनन्द कनौजिया/२२.०६.२०२१
काश….. बच्चों सी ज़िद मैं कर पाता
तुझको जाता देखता तो लिपट जाता!
©️®️ज़िद/अनुनाद/आनन्द कनौजिया/१५.०६.२०२१
इश्क़ में तेरे, मैं आसमान हो जाऊँ।
तू कहीं भी रहे, तुझे देख तो पाऊँ।।
©️®️आसमान/अनुनाद/आनन्द कनौजिया/१५.०६.२०२१
बारिश के झीसे में जैसे
ये पेड़ भीग रहा है……
बिल्कुल वैसे ही
तेरी यादों के फुहारों में
मैं भी भीग रहा हूँ….
वर्षों से!
ये बारिश तो रुक जाएगी
मगर….
तेरी यादों की बारिश,
थमने का नाम नहीं लेती।
©️®️झीसे/अनुनाद/आनन्द कनौजिया/१४.०६.२०२१
तेरे प्यार में यूँ भीग जाऊँ
जैसे बारिशों में ये मिट्टी ।
महसूस तुझे मैं करता हूँ
जैसे बारिशों में ये मिट्टी ।
मिलो तो अब ऐसे, जैसे
बारिश की बूंद से मिट्टी ।
दो रंग मिलकर एक रंग हों
जैसे बारिशों में ये मिट्टी ।
प्यार का एहसास साथ रह जाए
जैसे बारिश के बाद गीली मिट्टी ।
तुम्हारे जाने की तड़प ऐसी हो
जैसे बारिश के बाद सूखी मिट्टी ।
तेरे आने का इंतजार यूँ हो
जैसे बारिश के इंतजार में मिट्टी ।
तेरे आने का इंतजार खत्म हो
जैसे बारिश में खत्म इंतजार मिट्टी ।
तेरे लौटने का विश्वास यूँ हो, हर वर्ष जैसे
बारिशें गिरती हैं भिगोने को मिट्टी ।
तेरे लौटने पर आलम कुछ यूँ हो, जैसे
बारिशों में आनन्द को प्राप्त हो मिट्टी ।
©️®️बारिश और मिट्टी/अनुनाद/आनन्द कनौजिया/१०.०५.२०२१