तुम्हारे संग इच्छा थी सब कुछ करने की ! मगर…. एक उम्र बीतने के बाद कोई मलाल नहीं है कुछ न कर पाने की तुम्हारे संग ।
और अब देखो नहीं चाहते हम कि हमारी कोई भी इच्छा जिसमें तुम हो वो पूरी हो !
इन अधूरी इच्छाओं को पूरा करने की कोशिश में तुमको मैं अपने कुछ ज़्यादा क़रीब पाता और महसूस करता हूँ।
दिमाग़ में बस तुम होते हो और धड़कन तेज होती हैं! तुम्हारे पास होने के एहसास भर से मैं स्पंदित हो उठता हूँ और मन आनन्द के हिलोरों पर तैरने लगता है!
इच्छाएँ पूरी हो जाती तो शायद तुमसे इश्क़ इतना सजीव न हो पाता! इसलिए जब भी इन इच्छाओं को पूरा करने का मौक़ा मिलता है तो दिल दुवा करता है कि तेरे संग की मेरी हर इच्छा सदा रहे अधूरी इच्छा…..!
“ख़ूबसूरत लोग अगर अनजान हों तो अधिक ख़ूबसूरत और आकर्षक हो जाते हैं!” 😇 😍 😎
कुल मिलाकर ख़ूबसूरती एक वैचारिक fantacy के सिवा कुछ भी नहीं! यह fantacy एक व्यक्ति विशेष के जीवन भर की कल्पनाओं का समूह भर है जिसे वो किसी अनजान और ख़ूबसूरत व्यक्ति को देखकर एक पल विशेष में अनुभव कर लेता है। इन कल्पनाओं और उस देखे गए ख़ूबसूरत व्यक्ति में कोई रिश्ता नहीं होता। ये देखने वाले व्यक्ति के अंदर चल रही काल्पनिक कहानी मात्र होती है। ऐसी स्थिति में देखने वाले व्यक्ति को देखे गए व्यक्ति को लेकर कोई भी निर्णय लेने से बचना चाहिए।
ख़ूबसूरती एक मृग तृष्णा है। वास्तविकता में इसका कोई स्वरूप नहीं। सब कुछ आपके दिमाग़ के भीतर है। वहीं से आप इसे महसूस कर सकते हैं। तो अगली बार आपको ख़ूबसूरती का एहसास लेना हो तो इसे दूसरों में न ढूँढे। बस अपने दिमाग़ को इस हिसाब से अभ्यस्त करिए कि वो जब चाहे स्वयं इस ख़ूबसूरती का रसास्वादन कर ले। इस तरह आपको दूसरों से मिलने वाली निराशा से भी दो-चार नहीं होना पड़ेगा।
ऊपर वाले पैराग्राफ़ को देखकर कुछ ख़ुराफ़ाती लोग कई स्तर तक के मतलब निकाल सकते हैं🤣😆 और हास-परिहास कर सकते हैं! बस इन्हीं लोगों की वजह से मेरे लिखने की सार्थकता बढ़ जाती है 😉
यह सब लिखते वक्त मैंने बहुत सारा दिमाग़ लगाया है! ये पढ़ने में अच्छा लग सकता है मगर असल में ऐसा हो ही नहीं सकता क्यूँकि दुनिया दिल से चलती है! बिना चूतियापे के कोई कहानी बन ही नहीं सकती😋 और बिना कहानी के तो क्या ही मज़ा है जीने में 😁
इसलिए इस संसार की गति बनाए रखने के लिए मूर्खों की ज़रूरत ज़्यादा है……
मैंने भी खूब मूर्खता की है और सफ़र अभी जारी है….
खोज अभी जारी है……..
एक नयी मूर्खता करने की !
इसमें आपका साथ मिल जाएगा तो मज़ा दो गुने से चार गुने तक होने की सम्भावना है 🙃
दारू की टेबल पर जब कोई तेरी मोहब्बत में पूरी तरह हारकर तुझे गालियाँ देता है, बुरा-भला कहता है… तो मैं बस सुनता हूँ कुछ भी नहीं बोलता और चुपचाप अपने मन में कुछ सोचकर सर झुकाकर हल्के से मुस्कुरा देता हूँ…. शायद तुम्हें मुझसे बेहतर कोई समझ ही नहीं पाया….! और ये तुम्हारी बदनसीबी है कि तुम मुझे नहीं समझ पाए…..!