बीती इस उम्र में हमने जो भी सीखा देखिए बस इतना सा फ़लसफ़ा है, पहले सब पा लेने में ख़ुशी थी और अब बहुत कुछ छोड़ देने में भला है।
अब तो भलाई करने वालों से डर लगता है बुराई छुपाने का ये बस एक तरीक़ा लगता है अच्छे दिखने के हम इतने अभ्यस्त हुए हैं कि बुरा जो करें तो वो भी अच्छा-अच्छा लगता है।