जब तुम्हारी माँ ने
इशारों में
शरमाते हुए
अपनी कॉपीराइट और
ओरिजिनल मुस्कान के साथ
तुम्हारे पदार्पण के संकेत दिए थे।
एक पल को
समय ठहर सा गया था।
विस्मय, आश्चर्य, आनंद के
अनेक भावों के साथ
ये मन बीते समय की
कैलकुलेशन में लग गया।
अभी तो हम स्वयं बच्चे थे
लड़ते- झगड़ते
शिकायते करते
हमसे हमारे
बड़े भी परेशान थे।
इस खबर के साथ
समय को भी पंख लग गए,
हम अचानक से बड़े हो गए।
मन प्रफुल्लित, ह्रदय चिंतित
सब कुछ बदल जो रहा था
गजब का शोर
जैसे किसी पुराने भवन में
मरम्मत चल रही हो
कुछ नया जुड़ रहा था
एक नया रूप उभर रहा था
जिम्मेदारियां बढ़ रही थी
अपने पर गर्व हो रहा था
रिश्तों की सार्थकता बढ़ रही थी।
तुम्हारी माँ से जलन हो रही थी
तुम्हारे साथ का आनंद वो अभी से ले रही थी।
मैं लाचार भाव से उसे देख रहा था,
तुम्हारी माँ अब और ज्यादा
खूबसूरत लगने लगी थी।
तुम अपने पदार्पण से पहले
बहुत कष्ट देने वाले हो उसे
फिर भी वो खुश है,
लज्जा को त्याग
सबको खुशखबरी दे रही है,
मिठाइयां बाँट रही है।
और मैं कोने में खड़ा
शर्म से लाल
जड़ हुआ जा रहा हूँ।
प्रवीण ने छेड़ा मुझे
मुंह देखो इनका,
पापा बनेंगे ये, बड़े आये।
चारों तरफ से बधाई सन्देश
और मैं शब्द रहित
केवल मुस्कुराते हुए ,
मन ही मन
तुम्हारे स्वागत की तैयारी में लग गया।
तुम्हारे स्पर्श को आतुर, उस मंगल घडी के इंतजार में- तुम्हारा पिता।
बेहद उम्दा । बेहद सराहनीय ! इस अद्भुत अनुभूति को शब्दो की माला में इतनी सफाई से पिरोना बड़ा ही दुश्वार काम है। शब्दों द्वारा रचा दृश्य बेहद मार्मिक एवं सजीव है ।
बेहद उम्दा । बेहद सराहनीय ! इस अद्भुत अनुभूति को शब्दो की माला में इतनी सफाई से पिरोना बड़ा ही दुश्वार काम है। शब्दों द्वारा रचा दृश्य बेहद मार्मिक एवं सजीव है ।
☺
🙏
धन्यवाद ! शुक्रिया जनाब ।
Bahut badiya ladke
😎
Bha congratulations..And really very beautifully you expressed your feeling perhaps the best way..
🙏
Nothing can describe this feeling better than ur words.
Nothing can describe this feeling better than ur words.
Bahut badiya Bhai….
धन्यवाद भैया 🙂
Thanks a lot 🙂 🙏
👍👌😊Lots of emotions gathered n expressed beauuuuuuuuuutifully. Awesome