Posted in Uncategorized

मैं (सारांश)

मुझे बेहद गर्व है मुझ पर,
गर्व क्या, कह लीजिए कि घमंड है मुझ पर,
क्वालिफाइड हूँ ,
एक अच्छे ओहदे पर भी हूँ,
दुनिया सम्मान करती है,
बातों को मेरी तवज्जो भी देती है।
शान है सम्मान है, कमी क्या है मुझको!
खुद पर बेहद घमंड है मुझको।

किन्तु एक दिन अकेले में,
एक ख्याल आया दिल में,
बोरियत के उस समय में,
दिल में एक प्रश्न उठा,
जब स्वयं में सम्पूर्ण हूँ मैं,
फिर क्यों ये तन्हाई काटने को दौड़ती है!

दिमाग पर जोर देकर,
इस प्रश्न के हल की खोज में,
काफी हाथ पैर मारने के बाद
ये समझ आया कि
बिना मां बाप के मैं बेटा नही,
भाई-बहन के बिना भाई नही,
तुम्हारे बिना मित्र नहीं,
पत्नी के बिना पति नही,
बच्चे के बिना पिता नही ,
पद के बिना अधिकारी नहीं,
विद्यालय के बिना विद्यार्थी नहीं,
इन सब के बिना मैं कुछ भी नही।

दुनिया मे आप अकेले कुछ भी नहीं,
फिर अपने पर इतना घमंड क्यूँ?
वजूद मेरा इन रिश्तों से ही है,
इनके बिना जिंदगी का मजा कैसा!

अब मिल गया है गुरु मंत्र,
जिंदगी जीने का सूत्र,
मजे लेने हैं जिंदगी के ग़र,
हम में जीना होगा, मैं को भूल कर।

Author:

Writer, cook, blogger, and photographer...... yesssss okkkkkk I am an Engineer too :)👨‍🎓 M.tech in machine and drives. 🖥 I love machines, they run the world. Specialist in linear induction machine. Alumni of IIT BHU, Varanasi. I love Varanasi. Kashi nahi to main bhi nahi. Published two poetry book - Darpan and Hamsafar. 📚 Part of thre anthologies- Axile of thoughts, Aath dham assi and Endless shore. 📖 Pursuing MA Hindi (literature). ✍️ Living in lucknow. Native of Ayodhya. anunaadak.com, anandkanaujiya.blogspot.com

One thought on “मैं (सारांश)

Leave a Reply