Posted in Uncategorized

पाती….. प्रेम की।

यह कहानियों की एक श्रृंखला है जो प्रेम और उससे जुड़े अनुभवों को बयां करती हैं। ये कहानियां दिल के किसी कोने में पड़े पुराने एवं लगभग खत्म हो चुके एहसासों को पुनः जीवित कर देंगी।

हम सभी अपनी जिंदगी में प्यार जैसे खूबसूरत एहसास से जरूर किसी न किसी रूप में रूबरू हुए होंगे। उस प्यार की ऐठन भी क्या खूब हुआ करती थी। एक अलग ही दुनिया…….अद्भुत…… और उसमें पकने वाले ख्याली पुलाव। वाह …. क्या कहने। सामने वाला बन्दा या बन्दी हमारी पूरी दुनिया हुवा करती थी। न उसके बारें में कुछ गलत सुनना न कुछ गलत कहना। उसके लिए तो कुछ भी कर जाना। अजीब पागलपन!!! फकीरी जुनून!!!  हम पर लोग हँसते थे। लोगों को हम कहाँ से समझ आते जब हम खुद ही कुछ नही समझ पा रहे होते थे।

ऐसे में कुछ पागल और भी थे जो हमारे इस पागलपन में हमारा पूरा साथ देते थे। गजब का धैर्य था सालों में। पूरी गंभीरता के साथ हमारे साथ हर परिस्थिति में तत्पर। हाँ!!!!! लेकिन हमारा चूतिया कटने पर सबसे ज्यादा हंसी भी साले वही उड़ाते थे। दुख हो या सुख , एक बियर और ठेके की छत और फिर किस्से कहानियों का दौर ( इनमे से कुछ चखना चोर भी हुआ करते थे)। सालों का  कंधा था या बिरला सीमेंट की दीवार। सर रखो और सब कुछ हल्का। हमारा सारा बोझ उठा लेते थे साले। आज बहुत याद आते हैं वो मित्र गण। इनके बिना तो प्यार मोहब्बत के उस दौर में होने वाली ऐठन कभी भी अपने पराकाष्ठा को प्राप्त न कर पाती।

हम सब ने अपने प्यार को पाने के लिए भागीरथ प्रयास किये होंगे। कुछ के प्रयास सफल भी हुए और कुछ को निराशा हाथ लगी। कुछ तो इतना करीब पहुँच कर रह गए कि उस मोड़ पर दिल टूटना मानो दुनिया खत्म होना और कुछ का सब कुछ खत्म होकर भी नाटकीय अंदाज़ में भी सब कुछ पा जाना। कभी कभी तो न मिल पाना , मिलने से ज्यादा खूबसूरत होता है । वो कहते हैं न कि मजा तो सफर में था , मंजिल पर तो कहानी खत्म थी। इसलिए मैं तो कहता हूँ कहानी चलती रहनी चाहिए, मजा तो बस इसी में है।

ये जिंदगी ऐसी कहानियों से भरी हुई है। खोने का मलाल, या पाने की खुशी, या जिंदगी भर याद रह जाने वाले पल जो हमेशा चेहरे पर मुस्कान और दिल में एक दर्द जगा देते हैं , ऐसे ही छोटे -बड़े, गहरे-छिछले और टेढ़े-मेढ़े अनगिनत एहसासों के साथ आपको गुदगुदाने की एक छोटी सी कोशिश-

पाती…. प्रेम की।

जल्द ही हाजिर हूँगा इस श्रृंखला की पहली कहानी के साथ………….

तब तक के लिए शुभ रात्रि, शब्बा खैर।

Author:

Writer, cook, blogger, and photographer...... yesssss okkkkkk I am an Engineer too :)👨‍🎓 M.tech in machine and drives. 🖥 M.A. in Hindi 😊 ✍️ I love machines, they run the world. Specialist in linear induction machine. Alumni of IIT BHU, Varanasi. I love Varanasi. Kashi nahi to main bhi nahi. Published two poetry book - Darpan and Hamsafar. 📚 Part of thre anthologies- Axile of thoughts, Aath dham assi and Endless shore. 📖 Living in lucknow. Native of Ayodhya. anunaadak.com, anandkanaujiya.blogspot.com

2 thoughts on “पाती….. प्रेम की।

  1. इस महीने की रोमानियत ही कुछ ऐसी है कि फरवरी लगते ही पुराने अहसास तीव्रता से निकलते है । मन करता है इन अहसासों के कम्बल को ओढ़ सुकून से पड़े रहकर उनसे सम्बद्ध घटनाओ को मानस पटल पर पुनः सजीव करने का। इस श्रृंखला पाती… प्रेम की की कड़ियों को जल्द ही प्रस्तुत किया जाए , हमारे जैसे पाठक भी रोमानियत की चाशनी में डुबकी लगाने को तैयार बैठे है ।

Leave a Reply