Posted in CHAUPAAL (DIL SE DIL TAK)

अग्नि!

ख़ाली बैठे समय का उत्पाद है ये फ़ोटो ! लेकिन ग़ज़ब का है ये फ़ोटो। व्यक्ति के भीतर के अग्नि तत्व को दर्शाती ! जीने के लिए ज़रूरी तापमान को बनाए रखने के लिए कई तरह के ईंधन की आवश्यकता होती है। भोजन के सिवा भी कई ईंधन हैं जो इस आग को बनाये रखने के लिए ज़रूरी हैं जैसे – इच्छाएँ, जिम्मेदारियाँ, ज़रूरतें और चाहत….! इच्छाएँ और चाहत में अन्तर है इच्छाएँ जीवित या मृत किसी भी वस्तु की हो सकती है किन्तु चाहत केवल जीवित तत्व की होती है। ये मेरा अपना दर्शन है। ये आग यूँ ही इतनी तीव्र नही है ……! भड़की है ये …… केवल तुम्हारी चाहत में ………….।

~अनुनाद/आनन्द कनौजिया/०७.०८.२०२०