इस ज़िन्दगी में उथल-पुथल कुछ ऐसी ही है,
क्या करें कि इसमें ख़ूबसूरती भी तो इसी से है ।
©️®️उथल-पुथल/अनुनाद/आनन्द कनौजिया/ १८.०१.२०२२
इस ज़िन्दगी में उथल-पुथल कुछ ऐसी ही है,
क्या करें कि इसमें ख़ूबसूरती भी तो इसी से है ।
©️®️उथल-पुथल/अनुनाद/आनन्द कनौजिया/ १८.०१.२०२२
ये एक फ़ितरत मैंने खुद पाली है या उस खुदा ने दी,
फ़ायदा छोड़ मैंने सदा अपनी पसंद को तरजीह दी।
हुए कई घाटे मुझे, कभी मैं तो कभी ये लोग कहते हैं,
मगर जाने-अनजाने इस आदत ने मुझे ख़ुशी बहुत दी।
©️®️फ़ितरत/अनुनाद/आनन्द कनौजिया/ १८.०१.२०२२