Posted in POETRY बचपना…! Posted on June 1, 2021 by Anand Kanaujiya ऐ उम्र मुझे इतना भी बड़ा न बनाना किअपनों के सामने आऊँ और झुक न पाऊँ।मुझे रहने देना वही छोटा सा बच्चा किमाँ की गोद में सर रखूँ और सो जाऊँ।। ©️®️बचपना/अनुनाद/आनन्द कनौजिया/३१.०५.२०२१