रात दिन
मुस्कुराये बिन
रहे गमगीन
समय में इन
सुकूँ न चैन
क्या बताऊँ
जिया कैसे
और रहा
हालातों में किन
तुम बिन।
आओ किसी दिन
बुलाये बिन
पल रहे छिन
करो इन्हें
मुकम्मल मोमिन
लगो गले
महसूस करो
धड़कनों को इन
जीवन नीरस ये
तुम बिन।
रात दिन
मुस्कुराये बिन
रहे गमगीन
समय में इन
सुकूँ न चैन
क्या बताऊँ
जिया कैसे
और रहा
हालातों में किन
तुम बिन।
आओ किसी दिन
बुलाये बिन
पल रहे छिन
करो इन्हें
मुकम्मल मोमिन
लगो गले
महसूस करो
धड़कनों को इन
जीवन नीरस ये
तुम बिन।