नदी के दो किनारे हम,
नज़रों में रहकर भी दूर हम।
जग जानता कि इक दूजे के हम,
फिर भी मिलने को तड़पते हम।
नदी सा चंचल मन, अधीर चितवन,
यही नियति नही हमारा मिलन।
नदी के दो किनारे हम।
नदी के दो किनारे हम,
नज़रों में रहकर भी दूर हम।
जग जानता कि इक दूजे के हम,
फिर भी मिलने को तड़पते हम।
नदी सा चंचल मन, अधीर चितवन,
यही नियति नही हमारा मिलन।
नदी के दो किनारे हम।