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झीसे…

बारिश के झीसे में जैसे
ये पेड़ भीग रहा है……
बिल्कुल वैसे ही
तेरी यादों के फुहारों में
मैं भी भीग रहा हूँ….
वर्षों से!

ये बारिश तो रुक जाएगी
मगर….
तेरी यादों की बारिश,
थमने का नाम नहीं लेती।

©️®️झीसे/अनुनाद/आनन्द कनौजिया/१४.०६.२०२१