Posted in CHAUPAAL (DIL SE DIL TAK)

कहाँ गए वो दिन !

एक व्यस्त दिन हो ! इतना व्यस्त कि ख़ुद की ही खबर न हो ! सर भन्नाया हुवा हो ! क्या कर रहे हैं और वाक़ई में क्या करना है, कुछ समझ न आ रहा हो ! जैसे-तैसे काम निपटाया गया ! शाम हो गयी ! फिर कुछ सोचें कि इससे पहले आपके घनिष्ठ मित्र का फ़ोन आ जाए !

अबे चलो कहीं बैठते हैं !

कहाँ?

अबे अपने अड्डे पर !

अच्छा वहीं ….!

हाँ!

ठीक है। मिलो वहीं पर । निकल रहा हूँ ।

बस सारा तनाव अपनी पसंदीदा पेय के अन्दर जाते ही छू मंतर 😆! पता नही कहाँ गए वो दिन ? इस मनहूस काल में उन दिनों की चर्चा करना ही कितना सुखद है और साथ में वो चीज़ अब न जाने कब करने को मिलेगी इसका दुःख भी ☹️🧐

आप भी ऐसे सुखद पल और अपना वर्तमान दुःख यहाँ साझा कर सकते हैं । खली बैठे हैं हम तो चर्चा कर ली जाएगी 🤣

~अनुनाद/आनन्द कनौजिया/०८.०८.२०२०

फ़ोटो ०५.०७.२०१७ की है ।

Author:

Writer, cook, blogger, and photographer...... yesssss okkkkkk I am an Engineer too :)👨‍🎓 M.tech in machine and drives. 🖥 I love machines, they run the world. Specialist in linear induction machine. Alumni of IIT BHU, Varanasi. I love Varanasi. Kashi nahi to main bhi nahi. Published two poetry book - Darpan and Hamsafar. 📚 Part of thre anthologies- Axile of thoughts, Aath dham assi and Endless shore. 📖 Pursuing MA Hindi (literature). ✍️ Living in lucknow. Native of Ayodhya. anunaadak.com, anandkanaujiya.blogspot.com

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