Posted in CHAUPAAL (DIL SE DIL TAK)

बसन्त पंचमी

बसंत पंचमी तो हम IIT BHU के हॉस्टल में मनाते थे। क्या तैयारियाँ रहती थी। ओड़िशा के देबाशीष भैया पुरोहित के फुल गेट-अप में। हम भी शीश झुकाए फुल श्रद्धा में! पूरे विधि विधान से पूजा और फिर प्रसाद…… !

एक तो हम विद्यार्थी! ऊपर से इंजीनियरिंग के! इसके ऊपर काशी में! इसके बहुत ऊपर हम हॉस्टल में! इसके बहुत-२ ऊपर हम आई०आई०टी बी०एच० यू० के! हुड़दंगयीं के अलावा होस्टल में कुछ और होता ही नहीं था। डी०सी० प्लस प्लस का एच डी कॉन्टेंट और गोदौलिया के भांग के नशे में सराबोर हम सब को किसी और काम के लिए फुरसत ही कहाँ होती थी।

लेकिन सरस्वती पूजा को तैयारी पूरे दम से होती थी। बिहारी भाइयों का इसमें जबरदस्त योगदान होता था। उनकी श्रद्धा देखते ही बनती थी। अब माँ सरस्वती के आशीर्वाद से हम यहाँ थे तो उनके प्रति श्रद्धा की कमीं का तो सवाल ही नहीं उठता।
माँ के प्रति कैसी श्रद्धा? वहाँ तो प्यार होता है, दुलार होता है और अपनापन होता है। बस …….

आज बी०एच० यू० से दूर हुए कई वर्ष हो गए मगर सरस्वती पूजा की यादें वैसी ही हैं! बिल्कुल जैसे कल की बात हो। देबाशीष भैया का पुरोहित वाला अवतार भी हमेशा याद रहेगा 😀

माँ सरस्वती अपनी कृपा अनुनाद और हम सब पर बनाएँ रखें। बसन्त पंचमी की आप सभी को ढेरों शुभकामनाएँ 🙏

©️®️अनुनाद/आनन्द कनौजिया/१६.०२.२०२१

बसंतपंचमी2021

bhu

IITBHU

kaashi

Author:

Writer, cook, blogger, and photographer...... yesssss okkkkkk I am an Engineer too :)👨‍🎓 M.tech in machine and drives. 🖥 I love machines, they run the world. Specialist in linear induction machine. Alumni of IIT BHU, Varanasi. I love Varanasi. Kashi nahi to main bhi nahi. Published two poetry book - Darpan and Hamsafar. 📚 Part of thre anthologies- Axile of thoughts, Aath dham assi and Endless shore. 📖 Pursuing MA Hindi (literature). ✍️ Living in lucknow. Native of Ayodhya. anunaadak.com, anandkanaujiya.blogspot.com

Leave a Reply