Posted in CHAUPAAL (DIL SE DIL TAK), SHORT STORY

तोहफा

तोहफा

गिफ्ट मिलना किसे नहीं पसन्द? मुझे बहुत अच्छा लगता है, जब कोई कुछ गिफ्ट कर दे। सामान्यतः आदमी लोगों के पास गिफ्ट के विकल्प कम हैं। महिलाओं के पास ज्यादा है। अब गिफ्ट में आदमी लोगों को जूता-चप्पल, घड़ी, वॉलेट, बेल्ट, सीकड़, अंगूठी या फिर गॉगल………..! सोमरस की बोतल भी गिनी जा सकती है😜। जूता-चप्पल सबसे पहले आया है, इससे घबराएँ मत😁! डरने की बात नहीं। इससे ज्यादा और कोई विकल्प नहीं। यदि होंगे तो भी मेरे किसी काम के नहीं।

जितना भी गिफ्ट मिला है आज तक, उससे अब बोरियत सी आ चुकी है। अब गिफ्ट या गिफ्ट की विविधता से कोई खुशी नहीं मिलती। अब तो कोई भी गिफ्ट हो, बस मँहगा हो। जितना ज्यादा मँहगा उतनी ज्यादा खुशी। बस वो साथ लेकर चलने लायक हो, जैसे- मोबाइल, घड़ी, पेन इत्यादि। कोई ये कहे कि गिफ्ट की कीमत नहीं देखी जाती, देखी जाती है तो देने वाली की नीयत और मंशा! तो भैया इस जुमले का अब हम पर कोई असर नहीं होता। बकवास है ये सब।

अरे! नहीं-नहीं ! तुम मत घबराओ! तुमसे नहीं कह रहे। तुमसे तो मोहब्बत है हमें 😍 तुम बस हमें नज़र उठा कर देख भर लो ! मुस्कुरा के! हमारे लिए तो इतना ही काफी है। इतने में तो हम महीना गुज़ार लेंगे।

लेकिन वादा करो अगले महीने वाली किश्त याद रखोगे 😉🤗।

©️अनुनाद/आनन्द कनौजिया/२६.०९.२०२०

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Writer, cook, blogger, and photographer...... yesssss okkkkkk I am an Engineer too :)👨‍🎓 M.tech in machine and drives. 🖥 I love machines, they run the world. Specialist in linear induction machine. Alumni of IIT BHU, Varanasi. I love Varanasi. Kashi nahi to main bhi nahi. Published two poetry book - Darpan and Hamsafar. 📚 Part of thre anthologies- Axile of thoughts, Aath dham assi and Endless shore. 📖 Pursuing MA Hindi (literature). ✍️ Living in lucknow. Native of Ayodhya. anunaadak.com, anandkanaujiya.blogspot.com

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