Posted in CHAUPAAL (DIL SE DIL TAK)

अब दिल्ली दूर नहीं….

अब ज़िन्दगी अलग लेवल पर जीने का मन हो रहा है। शिक्षा, नौकरी, शादी, बच्चे, और ३० से अधिक उम्र के अनुभव से ये पता चला कि ये सब जीवन के लक्ष्य नहीं थे। ये सब तो केवल इंसान को व्यस्त रखने के तरीके भर थे। नौकरी तो कभी भी जीवन का लक्ष्य नहीं होना चाहिए। इस पर एक नौकरी तो उम्र भर कभी नहीं करनी चाहिए। इसे जितनी जल्दी समझ लें उतना बेहतर। प्रतिदिन एक काम करके आप तालाब का पानी हो जाते हैं।

अब सोच रहे हैं कि कोई व्यवसाय किया जाए और इतना कमा लें कि जीविकोपार्जन के साथ-२ सामाजिक जिम्मेदारियाँ भी निपट जाएँ। बस जिस दिन इतनी व्यवस्था हो गयी उसी दिन छोड़ देंगे नौकरी और आजाद हो जाएंगे दस से पांच के चक्र से। फिर तो भैया सुबह उठ कर प्राणायाम, स्नान, ध्यान और मस्त नाश्ता कर (बैकग्राउंड में देसी-देसी न बोल कर वाला गाना बजते हुए) ११ बजे तक अपने सारथी के आठ इंनोवा में अपनी हाईवे वाली दुकान पर….! एक-दो घंटे कर्मचारियों से पूरा लेख जोखा लिया गया और फिर दो-चार लोग जिनको मिलने का समय दिया गया था, उनके साथ मिलना और राजनीति की चर्चा। दोपहर में सेवक घर से गर्म-२ भोजन ले आया। हल्की धूप और पेड़ की छांव में तख्त पर बैठकर भरपूर भोजन करने के उपरान्त मस्त एक घंटे की नींद ली गयी। अब तक ३ बज चुके हैं। अब पास के लोकल बाजार में अपने कार्यालय जो कि कार्यालय कम और राजनीतिक चर्चा का अड्डा ज्यादा है, पर चलने का समय हो गया।

शाम का समय कार्यालय पर गुजारने के बाद दो तीन नया चेला लोग को जो लपक कर पैर छू लिए थे, सबको आशीर्वाद देने के बाद और अगले दिन की कार्य योजना पर मुहर लगा कर कार्यालय से प्रस्थान। शाम हो गयी है। दोस्तों के साथ बैठने का तय हुआ है आज का । अपने पसंदीदा रेस्तरां में बैठना है। ६ से ८ का समय , दोस्तों का साथ, व्हिस्की के दो पेग, और ढेर सारी गप्पों के साथ अगले चुनाव की चर्चा भी….

अब तो सांसद बनना ही है। संसद भवन में बैठना है। देश के केंद्र में। वहां से देखेंगे अपने गाँव जेवार को। अब दिल्ली बैठेंगे। लोग-बाग मिलने आएँगे। हम भी कुर्ता धोती में रंग चढ़ाए सबसे मिलेंगे। इतना मिलेंगे की जब तक दिन भर में ४००-५०० लोगों से न मिल लें तब तक चैन नहीं। प्रत्येक दिन कहीं न कहीं का टूर। नए नए लोगों से मिलना। राजनीति में ४०-५० उम्र का नेता तो युवा नेता कहलाता है तो जवान तो हम वहां रहेगें ही। बाकी बाल में कलर और मुंह पर फेशियल तो हम कराते ही रहेंगे। कहीं किसी मंच या रात्रि पार्टी में आपसे नज़रें मिल गयी तो………! चेहरे पर रौनक तो होनी ही चाहिए😀 ! इसी मुलाकात में मुस्कान का आदान-प्रदान हो जाए और आंखों के इशारे से अगली मुलाकात भी तय हो जाए😜। बाकी हम इतने प्रसिद्ध तो रहेंगे ही कि आप हमारा पता ढूंढ लें😎। अब ज्यादा डिटेल में नहीं जाते हैं।

कुल मिलाकर अपने मन की ज़िन्दगी जीनी है। आजाद रहना है और लोक हित में खूब काम करना है लेकिन अपने शौक के साथ। व्यापक जिंदगी जीनी है, सीमित नहीं। तो अगला लक्ष्य संसद भवन। अब तो नया संसद भवन बन रहा है। हमारे सांसद बनने तक बन भी जाएगा 😋। जबसे नया वाला संसद भवन की तस्वीर देखें हैं, संसद जाने की इच्छा और प्रबल हो गयी है।

बाकी सांसद वाले भोकाल की चर्चा नहीं किये हैं इधर! अब हर चीज बताना जरूरी थोड़े ही है। आप लोग बहुत समझदार हैं। हमारा लालच तो भाँप ही लिए होंगे😆।

अब दिल्ली दूर नहीं।
(आपका साथ और वोट जरूरी है)

अनुनाद/संसद की ओर आनन्द/१९.१२.२०२०

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Writer, cook, blogger, and photographer...... yesssss okkkkkk I am an Engineer too :)👨‍🎓 M.tech in machine and drives. 🖥 I love machines, they run the world. Specialist in linear induction machine. Alumni of IIT BHU, Varanasi. I love Varanasi. Kashi nahi to main bhi nahi. Published two poetry book - Darpan and Hamsafar. 📚 Part of thre anthologies- Axile of thoughts, Aath dham assi and Endless shore. 📖 Pursuing MA Hindi (literature). ✍️ Living in lucknow. Native of Ayodhya. anunaadak.com, anandkanaujiya.blogspot.com

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