Posted in CHAUPAAL (DIL SE DIL TAK)

रिश्ते-नाते

भावनावों के आवेग में डूबता-उतराता हुआ पिछले २४ घण्टो में कई रिश्तों के सम्पर्क से गुजरता हुआ फिलहाल बिस्तर पर हूँ। सर्दी बहुत है। एक कम्बल और एक रजाई के युग्म के अंदर खुद को रखकर लिख रहा हूँ। पैर मस्त गरम हैं और कान थोड़े ठंडे। दिल गोताखोरों की तरह गोते ले रहा है। बहुत कुछ लिखना चाहता हूँ पर भावनाओं के इस भँवर में सब कुछ समेट कर एक जगह रखने में खुद को नाकाम पा रहा हूँ। बिकुल असहाय…

२०१२ के बाद से मशीनी ज़िन्दगी जी रहा था! सरकारी घर, कार्यालय और फ़ोन! बस यही जीवन था! सारी जिम्मेदारियाँ बस फ़ोन से ही निपट रही थी। लेकिन अब जाकर जब लोगों के बीच, अपनों के बीच, बिना किसी काम के, फालतू बैठने/मिलने के एहसास से दो-चार हुआ हूँ तब जाकर ज्ञान चक्षु खुले हैं कि हम क्या खो दिए पिछले आठ सालों में! चल रही महामारी तो मेरे जैसे रिज़र्व व्यक्तित्व वाले व्यक्ति के लिए तो वरदान साबित हुई थी। एक कारण मिल गया था अकेले रहने का! लेकिन अगस्त २०२० के बाद से फुरसत के कुछ पल जो मिलें और नीलिमा जी के घूर कर देखने के बाद हमने जो जड़त्व के नियमों का रिवीजन किया है न… फिर तो पूँछिये मत! दिल और दिमाग बिल्कुल हिल गए हैं। रिश्तों का, मिलने-मिलाने का, भावनाओं का ऐसा हैवी डोज़ मिला है कि पूरे नशे में हैं… कुछ समझ नहीं आ रहा!

मैं रिश्तों को सामने से नहीं जीता! फ्यूचर मोड में जीता हूँ! फ्यूचर मोड? समझाता हूँ! आप मुझसे मिलिए, मैं मुस्कुराहट के साथ गर्मजोशी से मिल लूँगा! इतना अपनत्व कि सदियों से जानते हो जैसे! जितनी भी देर साथ रहेंगें कि कोई तीसरा देख ले तो बोले बड़ा याराना है इन दोनों में। फिर थोड़ी देर बाद जब अलग हुए तो खुद से पूँछता हूँ कि कौन था वो आदमी? 😜 मैं इस डर में मुस्कुरा के मिल लिया कि सामने वाले को बुरा न लगे! बस यहीं से रिश्ता पक्का। भविष्य में जब कभी भी वो व्यक्ति मुझसे मिलता है तो इतनी आत्मीयता से कि पूँछिये मत! और मैं फिर वही ढाक के तीन पात! कौन था ये आदमी?😆

सरयू नदी के बगल का रहने वाला हूँ। नदियों से खासा लगाव! कैसा? मुझे भी नहीं पता! किंतु जब भी बगल से गुजरता हूँ एक सुकून सा मिलता है। गहरा सुकून! मन करता है कि इनके सानिध्य में बैठा रहूँ। घण्टों! न कुछ बोलना, न कुछ सुनना! बस बहती धारा को देखना…

कल से बेहद शान्त हूँ! गोते लगा रहा हूँ…. भावनाओं में!

अनुनाद/भावनात्मक आनन्द/०२.१२.२०२०

Author:

Writer, cook, blogger, and photographer...... yesssss okkkkkk I am an Engineer too :)👨‍🎓 M.tech in machine and drives. 🖥 I love machines, they run the world. Specialist in linear induction machine. Alumni of IIT BHU, Varanasi. I love Varanasi. Kashi nahi to main bhi nahi. Published two poetry book - Darpan and Hamsafar. 📚 Part of thre anthologies- Axile of thoughts, Aath dham assi and Endless shore. 📖 Pursuing MA Hindi (literature). ✍️ Living in lucknow. Native of Ayodhya. anunaadak.com, anandkanaujiya.blogspot.com

Leave a Reply